लोग तो कई है,
जमा लेंगे महफ़िल, कर लेंगे बातें,
लेकिन जो बात है अंदर की,
बिन बताए यूँ हम कैसे रह जाते,
हो कोई सुनने को तैयार,
तो बह जाए दिल का दरिया,
नहीं तो रह लेंगे बिन आवाज़ के,
जब न हो और कोई ज़रिया,
बताने को न हो कोई मित्र,
तो सीधे इधर चले आना,
खुले है यह कान सुनने को,
मित्र, बस कही दूर ना चले जाना।
👌👌👌nice
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Thank you.
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Wlcm ji😊
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दर्द दूर का।👌
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Beautiful 😊
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